कैंसर एक बहुत ही गंभीर और घातक बीमारी है। उसमें भी मुॅंह और गर्दन का कैंसर विशेष रूप से बहुत ही ज्यादा हानिकारक और दुनिया भर के होने वाले कैंसर ओं की सूची में आठवें स्थान पर आता है।
इस कैंसर के होने पर सही लक्षण और सही उपचार पता ना चलने की स्थिति में व्यक्ति की जान पर भी बना सकती है ऐसे में इस लेख में हम आपको मुॅंह व गर्दन के कैंसर के लक्षणों के बारे में बताएंगे और साथ ही साथ इससे निपटने के लिए सही उपचार और सही चिकित्सक की भी जानकारी आपको देंगे।
सिर और गर्दन के कैंसर के लक्षण
सिर और गर्दन का कैंसर यह बहुत ही अजीब बीमारी है। इस बीमारी में आपके सिर से लेकर गले तक में भारी अंदरूनी जख्म होने लगते हैं। यह कैंसर आपके गले और सिर के कई हिस्सों को प्रभावित कर देता है और आपकी नाक को भी प्रभावित कर सकता है।
यह कैंसर होने पर व्यक्ति के मुंह में घाव होने लगते हैं और साथ ही साथ गले में भी सूजन सहित गांठ होने का आभास होने लगता है। इसके साथ ही आप के मसूड़ों में खून आने लगता है और दांत भी गिरने लगते हैं। साथ ही साथ आपके मुंह से गंदी बदबू आने लगती है। इतना ही नहीं आप को भोजन या पानी निकलने में भी काफी दिक्कत होती है। यदि आपको भी ऐसे लक्षण दिखाई दे तो लापरवाही की ने बिना तुरंत इस कैंसर से संबंधित चिकित्सक के पास जाकर अपनी जांच करवाएं।
सिर और गर्दन का कैंसर होने की वजह
वैसे तो सिर और गर्दन का कैंसर होने की कई सारी वजह हो सकती है। परंतु प्रमुख रूप से धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को ही यह कैंसर प्रभावित करता है। अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोगों को अधिक मात्रा में गुटखा, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी सहित शराब का भारी मात्रा में सेवन करने की लत लग जाती है। शुरुआत में यह व्यक्ति को इस बात का पता ही नहीं चलने देती कि इस लत से व्यक्ति के शरीर पर कितने नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
परंतु यह कैंसर होने पर शुरुआती तौर पर भी व्यक्ति इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाता और एडवांटेज में आने के बाद काफी कुछ हाथ से निकल चुका होता है ऐसे में आपको इस कैंसर से बचने के लिए धूम्रपान से भी बचना चाहिए।
क्या है इस कैंसर का इलाज
यदि आपको यह कैंसर होने पर शुरुआती लक्षणों के माध्यम से ही पता चल जाता है तो आप का इलाज बायो पी के माध्यम से भी हो सकता है। परंतु यदि आपको कैंसर के बारे में एडवांस स्टेज में आकर पता चलता है तो कीमोथेरेपी के माध्यम से आप का इलाज किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार कीमोथेरेपी के बाद रेडिएशन थेरेपी दी जाती है।
परंतु कुछ मामले में शुरुआती स्तर पर ही कीमोथेरेपी देकर इसे कम करने का प्रयास किया जाता है। बाद में फिर से रेडिएशन थेरेपी और फिर से कीमोथेरेपी लेकर एक बार फिर रेडिएशन थेरेपी दी जाती है। यदि गले या फिर के कुछ हिस्से पर शुरुआती प्रभाव दिखते हैं तो इसे रेडिएशन के माध्यम से ही उपचार करके नष्ट करने का प्रयास किया जा सकता है।
इलाज के बाद इन चीजों का ध्यान रखना पड़ता है
हेड एंड नेक कैंसर के इलाज के लिए आप व्यक्तिगत स्तर पर या घरगुती इलाज नहीं कर सकते उन्हें जरा ऐसे में आपको इस बीमारी के विशेषज्ञ चिकित्सक के पास से ही इस बीमारी का उपचार करना पड़ता है।
इस बीमारी का उपचार होने के बाद कई सारी परेशानियां व्यक्ति को झेलनी पड़ती है जैसे मुंह का ना खुलना। इसलिए चिकित्सक के द्वारा आपको अपना मुंह धीरे-धीरे खोलने और बोलने से लेकर खाने-पीने तक का प्रशिक्षण दिया जाता है।
कई मामलों में व्यक्ति को पाइप से ही खाना खिलाया जाता है उन्हें गिरा इसके साथ ही शरीर में इस थेरेपी के बाद कई सारे बदलाव होते हैं जिसके कारण व्यक्ति को अपने सामान्य जीवन शैली में वापस लौटने के लिए व्यायाम और योग आदि के द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है।
किस स्टेज में इस कैंसर का इलाज संभव है
यदि पहली और दूसरी ट्रेन में ही आपको या बीमारी पकड़ में आ जाती है तो 70 से 80% लोगों का उपचार इस स्टेज में सफल हो पाता है। परंतु आप यदि तीसरी और चौथी स्टेज में चले जाते हैं तो 40 से 50% लोगों का ही उपचार सफल हो पाता है। किसी मामले में व्यक्ति चौथी स्टेज के भी आगे निकल जाता है जिसमें इस कैंसर का उपचार लगभग असंभव सा हो जाता है।
इसलिए हेड एंड नेक कैंसर होने के लक्षण दिखाई देने के तुरंत बाद ही चिकित्सक की सलाह ले।
रोहतक में वी केयर हॉस्पिटल एक ऐसा संस्थान है जहां पर हेड एंड नेक कैंसर के लिए अति विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम है। इस टीम का नेतृत्व डॉक्टर भूषण कथूरिया कर रहे हैं। डॉक्टर भूषण कथूरिया ने अमेरिका से हेड एंड नेक कैंसर के बारे में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस हॉस्पिटल की विशेषता है कि यहां पर हेड एंड नेक कैंसर के रोगियों को विश्वस्तरीय इलाज प्रदान किया जाता है और साथ ही कम खर्च में रोगियों का इलाज किया जाता है।